संघर्ष की बदौलत हम सभी भाई बहन एक स्तम्भ के जैसे इस समाज में स्थापित हुए है। संघर्ष की बदौलत हम सभी भाई बहन एक स्तम्भ के जैसे इस समाज में स्थापित हुए है।
पछतावे में ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में पछतावा यही काम रह गया है क्या ?? पछतावे में ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में पछतावा यही काम रह गया है क्या ??
कैसे बुधिया को इस नशे की लत से बाहर निकालूँ कुछ समझ नहीं आता । कैसे बुधिया को इस नशे की लत से बाहर निकालूँ कुछ समझ नहीं आता ।
देशभक्ति और राष्ट्रसेवा ही उनका पहला धर्म था। देशभक्ति और राष्ट्रसेवा ही उनका पहला धर्म था।
कहीं भी आते जाते समय सड़कों पर भागती कार को अनायास निहारते रहता। कहीं भी आते जाते समय सड़कों पर भागती कार को अनायास निहारते रहता।
और आशाएँ उसका मनोबल बढ़ा रही थी, वह खुश था कि वह जल्दी ही अपने घर जाएगा। और आशाएँ उसका मनोबल बढ़ा रही थी, वह खुश था कि वह जल्दी ही अपने घर जाएगा।